जन्माष्टमी का दिन लागे बडा प्यारा
सोने की पलने में रेशम की डोरी बांधे झुला झुलाए ब्रिज बाला
जन्माष्टमी का दिन लागे बडा प्यारा
मथुरा में कान्हा जन्म लियो है जग हित को अवतार लियो है
सोला कला सम्पुरण कन्हाई
ऐसा दूजा देव है ना ही लड्डू गोपाल लागे प्यारा
जन्माष्टमी का दिन लागे बडा प्यारा
दूध दही और छाज लुटाओ माखन मिश्री भोग लगाओ
खुद नाचो और जग को नचाओ
मिल झूल के ये पर्व मनाओ
आया जग का ये रखवाला
जन्माष्टमी का दिन लागे बडा प्यारा
वर्त राखो और मंदिर जाओ
भजनों से कान्हा को रिजाओ
तन मन धन सब इस पे वारो
करो शिंगार और आरती उतारो
मन को भाये नन्द लाला
जन्माष्टमी का दिन लागे बडा प्यारा