जदों जदों तेरी मुरली वज्जे
जदों जदों तेरी मुरली वज्जे, तेरी मुरली ते जग सारा नच्चे ।
ओ बंसरी (मुरली) वजौन वालिया, ओ बंसरी (मुरली) वजौन वालिया ।।
छोटी जेही मोहना वे, तेरी ए बंसरी ए, विच्चों भांवे खाली पर, पूरी रस भरी ए।
हर राग तेरी मुरली चों वज्जे, तेरी मुरली ते जग सारा नच्चे ।।
राधा दे प्राण गोपी ग्वालेयां दी जान ए, तेरी पहचान ब्रजमंडल दी शान ए।
तेरे मुखड़े ते बड़ी सोहनी फब्बे, तेरी मुरली ते जग सारा नच्चे ।।
जादूगर लगे तेरी बंसरी ए सांवरे, मधुप हरि किते इस लोक सारे बावरे।
बड़ी अजब गजब ए लगे, तेरी मुरली ते जग सारा नच्चे ।।
लेखक : श्रीकेवल कृष्ण मधुप (मधुप हरि महाराज)