रोज सारे गम हमारे दूर करता कौन है,
श्याम तुम्ही हो बस तुम्ही हो और दूजा कौन है
रोज सारे गम हमारे दूर करता कौन है,
श्याम तेरी शरण में आके खिल गई ये जिन्दगी,
सच हुए हर खाब उसके जिस ने की तेरी बंदगी,
जो माफ़ करता सदा प्रेमियों की अपने खता,
बिन तुम्हारे इस जहां में और दूजा कौन है,
श्याम तुम्ही हो बस तुम्ही हो और दूजा कौन है
रोज सारे गम हमारे दूर करता कौन है,
तू मेरे जीवन की नैया का है माझी संवारे,
मुझको क्या लेना याहा से बस तुझी से काम रे,
तूफ़ान से वो क्यों डरे जो तुझपे भरोसा करे
तू ही हारे का सहारा और दूजा कौन है
श्याम तुम्ही हो बस तुम्ही हो और दूजा कौन है
रोज सारे गम हमारे दूर करता कौन है,
थर थारती ठण्ड में श्याम तू सुनेहरी धुप है
तू हवा शीतल हुमस में तेरे कितने रूप है
यही है तरुण का व्यान कोई और तुझसा कहा
कर सकू तुलना मैं जिस से और दूजा कौन है,
श्याम तुम्ही हो बस तुम्ही हो और दूजा कौन है
रोज सारे गम हमारे दूर करता कौन है,