कर विश्वास चले खाटू हम, ले हाथों में हाथ,
अबकी होली खेलेंगे, हम सांवरिया के साथ,
अबकी फागण ठान लिया मैने, अपने दिल ये बात,
हो..अबकी खेलेंगे होली, अपने सांवरिया के साथ……….
रंग रंगीला होगा फागण,
बरसेगा रंग श्याम के आंगन,
श्याम रंग की बौछारों से,
भीग जाएगा मेरा तन मन,
यादगार होगी बाबा से, अपनी मुलाकात,
हो..अबकी खेलेंगे होली, अपने सांवरिया के साथ.....
रिंगस से जयकार लगाकर,
श्याम नाम की ध्वजा उठाकर,
झूमते गाते चलेंगे पैदल,
कदम रुकेंगे खाटू आकर,
ध्वजा चढ़ाकर करनी है, कुछ,अपने दिल की बात,
हो..अबकी खेलेंगे होली, अपने सांवरिया के साथ......
फागण मेला श्याम का आया,
पागल जिसने सबको बनाया,
किस्मत वाला हूं मै कुंदन,
श्याम ने मुझको खाटू बुलाया,
श्याम कृपा की होती फकीरा, खूब यहां बरसात,
हो..अबकी खेलेंगे होली, अपने सांवरिया के साथ……..