इक जुग से मे तरसा शेरावालिये

इक जुग से में तरसा शेरावालीये
दर्शन को तेरे में ज्योतावालिये,
पहाड़ावालीये दिलासवालिये

इक जुग से में तरसा शेरावालीये,
दर्शन को तेरे में ज्योतावालिये,

तेरी भक्ती तेरी पूजा अबतो जीवन मेरा,
तेरे कदमो पे दम निकले मन चाहे ये मेरा,

दर्शन के प्यासे भगतो ने केसे तुझे पुकारा

इक जुग से में तरसा शेरावालीये
दर्शन को तेरे में ज्योतावालिये

सब कुछ सम्भव होसकता अदबुद तेरी माया
रूप अनेको घेरे है तूने बदली कितनी काया


इक बार नहीं कही बार तुझे इन भकतो ने है पुकारा
इक जुग से में तरसा शेरावालीये
दर्शन को तेरे में ज्योतावालिये.
पहाड़ावालीये दिलासवालिये

इक जुग से में तरसा शेरावालीये
दर्शन को तेरे में ज्योतावालिये

ललित अजबानी
०९८९०३५५९४०
०९३२०३५५९४०

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