दरबार अनोखा देखा झण्डेवाली का
प्यार अनोखा देखा झंडे वाली का
माँ झंडे वाली नमो नमो
माँ किरपा इतनी करती है बिन कहे खजाने भर्ती है,
झुकने न देगी सिर को कभी माँ लाज सदा ही रखती है
सिर पे रहता है हाथ झंडेवाली का
है युग युग से परताप माँ झंडेवाली का
तेरी मंशा पूरी कर देगी जो सिर को दर पे झुका देगा
तेरे मन की तृष्णा मिट जायेगी जो माँ से नैन मिला लेगा
कर दिल से तू जय कार माँ झंडेवाली का
ये सचा है दरबार माँ झंडेवाली का
माँ आन रखे माँ शान रखे माँ भगतो का समान रखे,
पोहचा देती है फलक पे माँ जो भी माँ का गुणगान करे
दीपक भी सेवादार माँ झंडे वाली का
रणजीत भी पाता प्यार माँ झंडेवाली का