अब छोड़ के आजा माँ

अब छोड़ के आजा माँ त्रिकुट पहाड़ो को
माँ देदे आके सहारा बेसहारो को,
अब छोड़ के आजा माँ त्रिकुट पहाड़ो को

उदास है सुबह तुम बिन शामे रोती है
दरवाजे पे मेरी निगाहें होती है
मेरी नाव भवर में अटकी तरसे किनारों को
माँ देदे आके सहारा बेसहारो को,

कितनी अरदासे डाल डाल मैं हारा हु
तू दाती मैया मैं मंगता वेचारा हु
मैं कैसे भूलू माँ तेरी किरपा उपकारों को
माँ देदे आके सहारा बेसहारो को,

औकात से ज्यादा देती हो हम सुनते है
हम जगते हुए भी ख्वाब तुम्हारे बुनते है,
सिर माथे संजीव रखे तेरे सत्कारो को
माँ देदे आके सहारा बेसहारो को,

download bhajan lyrics (854 downloads)