माँ पुत्राँ दा होया ए मिलाप,
के बल्ले बल्ले हो गई भग्तों।
सारे मिट गये दुख सन्ताप,
के बल्ले बल्ले हो गई भग्तों.....
बचेयाँ ने सिर माँ दे चरणा च धरया,
माँ ने वी पल्ला ए मुरादां नाल भरया,
पुन जागे ते बख्शे गये पाप,
के बल्ले बल्ले हो गई भग्तों....
अन्दरो ही माँ नाल जुड गईयाँ तारां,
बंजर होई ज़िंदगी च खिलियां बहारां,
सब दाती दा है पुन परताप,
के बल्ले बल्ले हो गई भग्तों....
रहम दिल माये भूलां सारियां नु भुल गई,
मेहरां दी जो बंद सी पिटारी फेर खुल गई,
करे रोम रोम माई जी दा जाप,
के बल्ले बल्ले हो गई भग्तों......