आयेगी आंबे माँ दरबार सजा ले
भावो के फूलो का इक हार बना ले
मैया का तो हाथ सदा भगतो पे रेहता है
माँ की दुआओं से ही जीवन ये चलता है
आयेगी देवी माँ अरदास लगा ले
आयेगी आंबे माँ दरबार सजा ले
हाथो से अपने माँ का शिंगार सजाना है मीठे मीठे,
भजनों से मैया को रिजाना है
हलवे पूरी का भोग मैया को लगा ले
आयेगी आंबे माँ दरबार सजा ले
माँ की ममता का मोल नही है
मेरी माँ की शान कोई पोल नही है
सुन राजू विक्की तू सिर को जुका ले
आयेगी आंबे माँ दरबार सजा ले