पंचाकक्षर मंत्र जग में निराला

पंचाकक्षर मंत्र जग में निराला
जो भी जपे पाए सुख का प्याला
अंतर आत्मा में शिव है समाते
मन में है बनता शिव का शिवाला
तेरे हिरदये में शिव है समाये भजले अब तू ॐ नमो शिवाय,

ध्यान धरले पा ले शिव को
शिव में रम के भूल जा जग को
ओह्दध दानी की भगती पा ले कर दे जीवन समर्पित शिव को
सांसे तेरी अब शिव को भुलाए
भजले अब तू ॐ नम शिवाये

शिव लिंग पे वेल पत्र चड़ा दे शम्भू को गंगा अश्नान करा दे
सत्ये शिव है सुंदर है वो हिरदये में शिव की ज्योति जला दे,
त्रिपुरारी तेरे दुःख को मिटाए भजले अब तू ॐ नम शिवाये

श्रेणी
download bhajan lyrics (813 downloads)