जयजय जय त्रिपुरारि
जय त्रिलोचन जय दुख मोचन जय हे मंगलकारी
जय जय जय त्रिपुरारि
मुक्ति प्रदायक सरल तरंगे शीश जटा में शोभित गांगे
अंग भभूत रमाये भोले
जय कैलशी अविनाशी
जय जय जय त्रिपुरारि
गले मे सोहे सर्पों की माला कटि दबाए मृगछाला
चन्द्रमा तोरा भाल सजाये
जय मृत्युजय विषधारी
जय जय जय त्रिपुरारि
कर मे तेरे त्रिशूल बिराजे दिम्ंग दिमग तेरा डमरू बाजे
संग में गौरा जी भी बिराजे
जय महाकाल पृलन्यकारि
जय जय जय त्रिपुरारि