सब का करते है उधार मेरे बाला जी सरकार,
लगा कर के घाटे दरबार लगा कर के घाटे दरबार
सब का करते है उधार मेरे बाला जी सरकार,
कोई केहता निर्धन हु मैं बाबा मुझको धन दो
कोई कहता निबल हु मैं बाबा मुझको बल दो
करते विनती सब सवीकार मेरे बाला जी सरकार,
बैठे मेहंदीपुर दरबार सबका करते है उधार
मेरे बाला जी सरकार,
कोई आके मांगे बेहना कोई मांगे भाई
रो रो के कोई दुखिया केहता बाबा करो सहाई
सब की सुनते करुणपुकार
मेरे बाला जी सरकार,
कोई केहता हे बजरंगी मेरे भूत भगाओ
कोई कहता संकट से बलवीरा हमे बाचाओ
लगाते भूतो को है मार
मेरे बाला जी सरकार,
प्रेत राज भेरो संग रेहते घाटे पवन कुमार
भरा रहे सदा भगतो से बाबा का दरबार
राम की गूंजे जय जय कार
घाटे वाले के दरबार