तेरे झंडेया दी छा विच रेहने माँ झंडेया वालिये,
हर वेले मौजा लेने आ माँ झंडेया वालिये
तेरे झंडेया दी छा विच रेहने माँ झंडेया वालिये,
इक झंडा तेरे मंदिर ला के लख मुरादा पाईया ने,
मेहर तेरी ने वेहड़े साडे रोज रोनका लाइया ने
गल सची सूचि केहने आ हूँ दुखा दे बस न पैने आ
माँ झंडेया वालिये........
जिस दिन तो तेरा पल्ला फड़ेया हो गई बल्ले बल्ले माँ
रख रख के तेरे चरनी मथा कर ले भाग स्वले माँ
तेरे द्वार जदों असी बेहने आ माँ झंडेया वालिये,
हर वेले मौजा लेने आ माँ झंडेया वालिये,
देवांशी दा रूप बना के दर्शन दिते घर आके
लक्ष्मी दा आह्वान किता झांझर अपनी छनका के
मोहित एह गल नित केहने आ
इक पल न बिछोडा सेहने आ माँ झंडेया वालिये,
हर वेले मौजा लेने आ माँ झंडेया वालिये,