जब राम गये वनवास अवध के वासी हुए उदास
१४ वर्ष तो बहुत दूर कैसे कटा था इक इक मॉस
राम राम राम राम
ख़ुशी ख़ुशी से रघुवर ने यु पिता की आगेया मानी
बड़ी ही करुना मई है देखो राम की ये कहानी
१४ वर्ष तो बहुत दूर कैसे कटा था इक इक मॉस
राज मेहल के सब सुख तजके राम युवन को सधारे
जन जन के प्रिये राम चन्द्र थे सबकी आँख के तारे
१४ वर्ष तो बहुत दूर कैसे कटा था इक इक मॉस
मन्था के बड़काने पे ककई को चकर चलाया
रघुवर को वनवास भरत को अवध का राज दिलाया
१४ वर्ष तो बहुत दूर कैसे कटा था इक इक मॉस