शाम सवेरे देखु तुझको कितना सूंदर रूप है,
तेरा साथ है ठंडी छाया बाकि दुनिया धुप है,
जब जब भी तुझे पुकारू मैं तस्वीर कोई तेरी निहारु मैं,
मेरे राम आजाते मेरे सामने
खुश हो जाये अगर मेरे राघव किस्मत को चमका देता,
हाथ पकड ले अगर किसी का जीवन स्वर्ग बना देता,
ये बाते सोच विचारू मैं तस्वीर को इसकी निहारु मैं,
मेरे राम आजाते मेरे सामने ........
गिरने से पहले ही आकर राघव मुझे संभालेगा,
पूरा है विस्वाश राज को तूफानों से निकलेगा,
ये तन मन तुझपे वारु मैं तस्वीर की इसकी निहारु मैं,
ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने.....
शाम सवेरे देखू तुझको कितना सुंदर रूप है,
तेरा साथ है ठंडी छाया बाकि दुनिया धुप है,
जब जब भी जग से हारू मैं तस्वीर को इसकी निहारु मैं,
ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने.........