हनुमान पियारा बूंटी तो लइयो जाय ,
बजरंगी बीरा बूंटी तो लइयो जाय॥
समय समय पर राम की धरि तुम्ही ने धीर ,
आज अचानक आ पड़ी फिर वो भारी भीर
संकट के साथी दीजो ये पीर मिटाय॥.
हनुमान पियारा बजरंगी बीरा....
गोद सुमित्रा मातु की भरी रहे कपि नाथ,
हैं सुहाग ये उर्मिल का आज तिहारे हाथ
ओ जीवन दाता ॥ ... संजीवन तो लया॥.
हनुमान पियारा बज्रनि बीरा
लखन लाला की देह मैं व्यापा विष भरपूर ,
भारत भ्रात ह ावाद मैं ावाद पूरी अति दूर
ऐसे मैं भैया ॥.........तुम्ही करोगें सहाय॥
हनुमान पियारा बजरंगी बीरा..
सारे तूने राम के अब तक सारे काज..,
रिनिया तेरा म सदा सकल कुटुम के साथ
‘‘मोहन’’ के सवामी ॥....कर्जा दे और चढ़ाय॥
हनुमान पियारा... बजरंगी बीरा बूंटी तो लाइयो
JAY