सब की आँखों में आंसू दे कर वो चला गया
आँख का तारा चंचल प्यारा चला गया
माता रानी और चंचल कभी अलग नही लगते थे
रात रात भर दोनों ही जगराते में जग ते थे
रोज बुलाता था वो माँ को माँ ने उसको बुला लिया
चला गया वो चला गया
जगराते अब भी होंगे माता रानी भी होंगी
लेकिन तेरे पूत की माता जगराते में कमी होंगी
भगतो में भगत वो सरोमनी छोड़ के हम को चला गया
ऐसे भगत मरा नही करते पल पल याद सताए गी
माँ के साथ में तेरी भी अब कथा अमर हो जायेगी
माँ क्या होती है जीवन में सार सभी को बता गया
चला गया वो चला गया