माँ रानी सती सुन ले तेरो लाल बुलावे है,
इब खोल तेरी मुठी क्यों जी न जलावे है,
माँ रानी सती सुन ले तेरो लाल बुलावे है,
तेरे होता क्यों दादी टाबर तेरो तरसे,
बिन सावन बाधो के मेरे आखडलिया बरसे
क्यों देर करे दादी मेरा सबर न आवे से
माँ रानी सती सुन ले तेरो लाल बुलावे है,
चरना में अरज करू कल्याण करो मेरो
मानु नालायक हु पर टाबर हु तेरो
माँ के बिन बेटे की सुन पीड मिटावे है
माँ रानी सती सुन ले तेरो लाल बुलावे है,
तेरी मुठी में दादी किस्मत है बंध मेरी,
इन खोल के माँ करदे तकदीर बुलंद मेरी
तेरे हर्ष के सुन दादी क्यों देर लगावे है
माँ रानी सती सुन ले तेरो लाल बुलावे है,