लेवा दादी जी रो नाम म्हाने दुनिया से के काम,
दादी जी के चरना में तो माहरा चारो धाम,
लेवा दादी जी रो नाम म्हाने दुनिया से के काम
झुंझनू नगर में दादी जी को मंदिर बड़ो ही भारी,
बैठी है दरबार लगा के जगत सेठानी म्हारी,
दर्शन करता ही हो जावे भगता रो कल्याण,
लेवा दादी जी रो नाम म्हाने दुनिया से के काम
नाम जप्या दादी को म्हारे विपदा कभी न आवे,
आने से पहले ही म्हारा सब संकट कट जावे,
अब तो झुँझन वाली मैया राखे मारो ध्यान,
लेवा दादी जी रो नाम म्हाने दुनिया से के काम
मैया के दरबार मैं तो जब से बना हु चाकर,
चकम गई है किस्मत म्हारी शरण में इनकी आकर,
देखके ठाठ बाठ महारा दुनिया है हैरान ,
लेवा दादी जी रो नाम म्हाने दुनिया से के काम