चाहे गले मैं नाग

चाहे तू तन पे भस्म रमा ले
चाहे गले में नाग फसा ले,
चाहे तू तन पे भस्म रमा ले
तेरे से करुँगी मैं व्याह कोई कुछ नही कर पायेगा

हो गा तू योगी होगा मधारी
भोले तो से प्रीत लगा ली
दूंगी मैं हाथो में हाथ तू मुझको ही व्याहेगा
तेरे से करुँगी मैं व्याह कोई कुछ नही कर पायेगा

मेहल हवेली न चाहू गी जंगल में तेरे संग रेह लुंगी
खा लुंगी मैं चुप चाप जो प्यार से खिलायेगा
तेरे से करुँगी मैं व्याह कोई कुछ नही कर पायेगा

भोले तुझ संग प्रीत लगाई प्यार की तोसे रीत निभाई,
जन्मो का है सार ये प्यार से निभ जाएगा
तेरे से करुँगी मैं व्याह कोई कुछ नही कर पायेगा
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