तप में है मगन जोगिया शंकरा

तप में है मगन जोगिया शंकरा
जटा की छटा में सज रहे दिंगबरा
तप में है मगन जोगिया शंकरा

भक्त वसल बोले शम्बू किरपालु है
दुःख भंजन दुःख हरी शिव दयालु है,
शिव रटो शिव शिव भजो लेंगे सुध गंगाधरा
तप में है मगन जोगिया शंकरा

लिख रहा है ॐ कार बेलपत्र पर चमन
अद्भुत भेष प्रभु का निरखे धरा गगन
शोभित गले भुजंग है बसन बाघमबरा,
तप में है मगन जोगिया शंकरा
श्रेणी
download bhajan lyrics (515 downloads)