मेरे बजरंग बलि तूने रावण की,
जब लंका जलाई मज़ा आ गया,
मेरे बजरंग बलि तूने रावण की,
जब लंका जलाई मज़ा आ गया,
जब लंका जलाई मज़ा आ गया,
रावण भी डर गया, काम भी हो गया,
चोट ऐसी लगायी मज़ा आ गया,
पूंछ मे बाँध कर, घूम के लंका पर,
आग ऐसी लगायी मज़ा आ गया,
लंका है खोफ़ मे में ऐ मेरे बालाजी,
आग ऐसी लगायी मज़ा आ गया,
रावण भी रोने लगा,
लंका भी रोने लगी,
असमा पे बरसने लगी अग्नियाँ,
मौत बन के है छाई मज़ा आ गया,
बेढक से वो सामने आ गए,
और मौत बनके टकरा गये,
और मौत बनके टकरा गये,
लंका वाले भी छुपने लगे आप से,
लंका वाले भी छुपने लगे आप से,
देख कर ये लड़ाई मज़ा आ गया,
मेरे बजरंग बलि तूने रावण की,
जब लंका जलाई मज़ा आ गया,
रवाँ था बेहया उस मुलाक़ात पर,
और हँसने लगा जब इनकी बात पर,
और हँसने लगा जब इनकी बात पर,
उसने शर्मा के जब अपने हालत पे,
उसने शर्मा के जब अपने हालत पे ,
ऐसे गर्दन झुकाई मज़ा आ गया,
- कुंवर दीपक