हो....मेरी लाज तेरे हाथ बजरंगी.....
शंकर के अवतारी थारी माया अप्रमपार है,
तेरा ही साहारा बाबा तेरा ही आधार है,
हो.... मै तो शीश झुकांऊ माथ बजरंगी,
माथ बजरंगी ओ बाबा माथ बजरंगी,
हो....मेरी लाज तेरे हाथ बजरंगी.....
हो तेरे भवन म्ह जगमग होरी, होरी जय जय कार है,
हम तो हैं भिखारी बाबा तुं ही तो दातार है,
हो.... तुं तो जाणै मन की बात बजरंगी,
बात बजरंगी ओ बाबा बात बजरंगी,
हो....मेरी लाज तेरे हाथ बजरंगी.....
सच्चे दीन - दयालु तुमको प्रेम से पुकारू मै,
जल्दी आओ दर्श दिखाओ बाट तो निहारूं मै,
हो..... मै तो याद करूं दिन रात बजरंगी,
रात बजरंगी ओ बाबा रात बजरंगी,
हो....मेरी लाज तेरे हाथ बजरंगी.....
हो मन मंदिर के अंदर थारी प्रेम कुटी बणाऊंगा,
तेरी ज्योत जगाकै बाबा सीताराम मनाऊँगा,
हो.... रहियो मुन्शीराम के साथ बजरंगी,
साथ बजरंगी ओ बाबा साथ बजरंगी,
हो....मेरी लाज तेरे हाथ बजरंगी.....