सतगुरु बेगा पधारो सा, पार लगा दो जहाज,
पार लगा दो जहाज, गुरुजी पार लगा दो जहाज,
भव सागर भरयो भारी, सुजे नहिं रेण अधारी,
ज्ञान भाण उगादो सा, सुधरे सब काज,
सतगुरु आप हो दाता, आप ही पिता माता,
आप ही भाई बंधु सारा, आप ही सिर के ताज ,
में तो ज्ञान बिना अभागो, जगत की बाता में लागो,
जीवन बित गयो सारो सा, बुढ़ापो मण्डरायो गाज,
गोकुल स्वामी सतगुरु देवा, कई विधि कुरू सेवा,
लादूदास अरज गुजारे सा, राखो सभा में लाज ,
भजन गायक - चम्पा लाल प्रजापति 89479-15979