रस्ता कोई नजर न आवे बिन तेरे घर दा
रखले किरपा धार रखले एह संसार दातेया,
रख ले किरपा धार दुनिया रखले किरपा धार
तू किरपालु दीना बंधू बक्शन हारा दाता,
दीस जाए दर डंका फंदा ऐसा पुरख विध्याता
बिना मला कश्ती बिन छपु तू कर सकदा पार
रख ले किरपा धार...........
गलतिया दी पंड चकी होई अवगुण होर वदा देवे
तेरी इक नजर ही दाता एब गुनाह मुका देवे
बिन तेरे बिन तेरे सतगुरु कौन लाउगा सार
रख ले किरपा धार...........
कारण करन करेव दातेया तू रेहमत बरसावे,
कण कण जरे जरे नु स्वामी रोजी रिजक पूजावे
चाकर है संजीवन है तेरा हर पल दातिये दार
रख ले किरपा धार साहिब जी ...........