मैं नाचों बनकर मोर गुरूजी तेरे चरनन में,
गुरु जी तेरे चरनन में गुरु जी तेरे चरनन में,
तू इक इशारा करदे मैं दौड़ा औ सब छड़ के,
मैं तो नाचू बन कर मोर गुरु जी तेरे चरनन में,
तेरी ऊंची अटारी प्यारी मैं वारि तेरी गलियां पे,
मेरे जीवन की हो बोर गुरु जी तेरे चरनन में,
मैं तो नाचू बन कर मोर गुरु जी तेरे चरनन में,
मेरे पल में भाग्ये बदल दे इशारा तेरी करुणा का,
मेरे जन्मो की कट जाये दात गुरु जी तेरे चरनन में,
मैं तो नाचू बन कर मोर गुरु जी तेरे चरनन में,