ना मिल पाते सिया रघुवर जो बजरंगी नही होते,
भटकते राम जी दर दर जो बजरंगी नही होते
ना मिल पाते सिया रघुवर जो बजरंगी नही होते
ना जाते राम किश किन्दा न वध हो पाता बाली का,
किरपा न होती सुगरीव पर जो बजरंगी नही होते
ना मिल पाते सिया रघुवर जो बजरंगी नही होते
ना रेहती उर्मिला सुहागिन अकेले रेह जाते रघुवर,
लखन जी पाते न पल भर जो बजरंगी नही होते
ना मिल पाते सिया रघुवर जो बजरंगी नही होते
न जलती लंका रावण की ना जाती लंकनी मारी
अमर रेहता वो दश कंदर जो बजरंगी नही होते
ना मिल पाते सिया रघुवर जो बजरंगी नही होते
अनाडी सच कहे मेहरा न बनता पुल समन्दर पर,
तैरते ने कभी पत्थर जो बजरंगी नही होते
ना मिल पाते सिया रघुवर जो बजरंगी नही होते