बजरंगबली हैं भईया अपनी सरकार, बजरंगबली
मार्च अप्रेल मे हो रहो सरकार को चुनाव,
तुम केहि जितईहा विचार के बताव,बजरंगबली....
कोऊ का है कमल कोउ का पंजा निशान,
कोउ झाडू लगावे गदा हनुमान,बजरंगबली....
पांच साल मे एक बार शकल है दिखात,
और काम पडे जिधना दाऐ बाऐ दिखात,बजरंगबली....
कोऊ खाऐ नोट कोऊ चारा लौ खात,
साफ सुथरी छवि का मोहि कोऊ न देखात,बजरंगबली...
एक घरी आधी घरी सुबह नहि तो शाम,
लगे पार तोर नईया भज ले सीताराम ,बजरंगबली.....
ईश्वर की महिमा खा ईश्वर ही गाऐ,
तुम भी करा वहै जो तुमही सोहाऐ,बजरंगबली...