मेरे नैन चाहते हैं दीदार साँवरे का,
मेरी साँसों में रमा है बस प्यार साँवरे का,
मेरी साँसों में रमा है बस प्यार साँवरे का,
मेरे नैन चाहते हैं दीदार साँवरे का...
मैं अपने साँवरे के हूँ प्रेम की दीवानी,
अश्कों से लिख रही हूँ ये प्रेम की कहानी,
मेरी बाहें कब बनेगी गल हार साँवरे का,
मेरे नैन चाहते हैं दीदार साँवरे का....
ये आरज़ू है मेरी हो जाऊँ साँवरे की,
एक सोहनी सी झलक बस मैं पाऊँ सांवरे की,
मेरे दिल से कब जुड़ेगा वो तार साँवरे का,
मेरे नैन चाहते हैं दीदार साँवरे का.....
चंदा से कब मिलेगी बतला दो ये चकोरी,
आज़ाद कहता है सूनी पड़ी मंडोरी,
हाथों से मैं करूँगी श्रृंगार सांवरे का,
मेरे नैन चाहते हैं दीदार साँवरे का.......