तेरे चरण कमल में श्याम लिपट जाऊ राज बनके॥
लिपट जाऊ राज बनके, लिपट जाऊ राज बनके॥
तेरे चरण कमल में श्याम लिपट जाऊ राज बनके
नित नित तेरा दर्शन पाऊ,
हर्ष हर्ष के हरी गुण गाऊ ,
मेरी नस नस बस जाऊ श्याम ,
बरस जाओ रस बनके,
तेरे चरण कमल में श्याम......
छीन छीन तेरा सुमरण हॉवे,
हर पल तुज्पे अरपन हॉवे,
हरी सब दिन आठो याम,
रुके मन के मनके,
तेरे चरण कमल में श्याम......