अजब है भोले नाथ ये दरबार तुम्हारा
भूत प्रेत नित करे चाकरी सबका यहा गुजारा
अजब है भोले नाथ ये दरबार तुम्हारा
बाघ बैल को हरदम एक जगह पे आके
कभी ना एक दूजे को बुरी नज़र से ताके
कहीं और नहीं देखा हमने ऐसा गजब नज़रा
अजब है भोले नाथ ये दरबार तुम्हारा
गणपति राखे चूहा कभी सर्प नहीं छूआ
भोले सर्प लटकाये कार्तिक मोर नचाये
आज का काम नहीं है तेरा अनुशाषित है सारा
अजब है भोले नाथ ये दरबार तुम्हारा