झूलें पार्वती जगदम्बा झुलावें शंकर त्रिपुरारी

झूलें पार्वती जगदम्बा झुलावें शंकर त्रिपुरारी,
शंकर त्रिपुरारी झुलावें शंकर त्रिपुरारी,
पार्वती बोली शंकर से अर्ज सुनो म्हारी,
सावन की रुत आई सदाशिव छाई घटा प्यारी हो झूलें,
झूलें पार्वती जगदम्बा झुलावें शंकर त्रिपुरारी.....

हाँ गोकुल के में राधा के संग झूलें बनवारी,
तुम तो नाथ कभी ना झूले भोले भंडारी हो झूलें,
झूलें पार्वती जगदम्बा झुलावें शंकर त्रिपुरारी.....

सर्पो की प्रभु डोर बनाई कल्पतरु पे डारी,
उस झूले में झूले भवानी शोभा अति प्यारी हो झूलें,
झूलें पार्वती जगदम्बा झुलावें शंकर त्रिपुरारी.....

सारा मंडल इस छवि पर पल पल बलिहारी,
भक्त कहें प्रभु दर्शन दे दो आस लगी भारी हो झूलें,
झूलें पार्वती जगदम्बा झुलावें शंकर त्रिपुरारी.....
श्रेणी
download bhajan lyrics (432 downloads)