जलवा हमारे श्याम का खाटू में जा के देखिये
मिलता है माँगने से पहले,सर तो झुका के देखिये
खाटू गया है जो भी,सब पाप उसके धुल गये
रस्ते थे बन्द जो भी,सारे के सारे खुल गये
श्री श्याम कुण्ड में दिल से,डुबकी लगा के देखिये
न भोग चहिये छप्पन,पकवान का न भूखा है
बस प्रेम से खिला दो,जो पास रूखा सूखा है
भूखा है श्याम भावों का,दो भजन सुना के देखिये
विश्वास रक्खो उसपे,टूटेगी आस न कभी
एहसास करके देखो,है आसपास ही कहीं
खाटू की मिट्टी श्रद्धा से,माथे लगा के देखिये
बाबा की खोज में अब,यूँ यहाँ वहाँ न घूमिये
मिल जाएगा साँवरिया,दिल में ही अपने ढ़ूँढ़िये
'मोहित' हो दौड़ा आएगा,दिल से बुला के देखिये