तुमने लाखो की बिगड़ी बना दी
श्याम मेरी भी बिगड़ी बना दो
ठोकरे खाई है इस जहां की
एक ठोकर तो तुम भी लगा दो
तुमने लाखो की बिगड़ी बना दी
श्याम मेरी भी बिगड़ी बना दो
जग में हारे का तू है सहारा
दूसरा और कोई नही है
हार कर मैं भी आया हु दर पे
जीत का शरेह मुझे भी दिला दो
तुमने लाखो की बिगड़ी बना दी
श्याम मेरी भी बिगड़ी बना दो
संवारे सेठ तुम हो दयालू
दीन दुखियो पे तुम्हरी नजर है
ठोकरों में तुम्हारी पडा हु अपने कदमो में मुझको जगह दो
तुमने लाखो की बिगड़ी बना दी
श्याम मेरी भी बिगड़ी बना दो
खीर तन से गुजर हो रही है
है नही कोई और काम मेरा
माँ के वचनों की तुम को कसम है
श्याम मेरी गरीबी मिटा दो
तुमने लाखो की बिगड़ी बना दी
श्याम मेरी भी बिगड़ी बना दो
देवा तू है अनोखा जहान में
झोली भर भर खजाने लुटाये
लेहरी झोली पसारे खड़ा है
कुछ मोती इधर भी लुटा दो
तुमने लाखो की बिगड़ी बना दी
श्याम मेरी भी बिगड़ी बना दो