दिल की मुरादें निज भक्तों की श्याम ही पूरी करे
ग़म के ये बादल पल में हटाते खुशियों से झोली भरे
जो भी बुलाये ये दौड़े आएं ऐसे हैं श्याम धणी
श्याम जैसा दानी नहीं
सारे जगत में सांवरिये का कोई भी सांई नहीं
श्याम जैसा दानी नहीं
मीरा ने विष का प्याला पिया तो प्याले में श्याम मिले
दर पे सुदामा मित्र जो आया आ घनश्याम मिले
कंस को मारे बृजवासी तारे जाने गगन और ज़मीन
श्याम जैसा दानी नहीं,
सारे जगत में सांवरिये का कोई भी सांई नहीं
श्याम जैसा दानी नहीं