दीवना मै तो मोहन का
जग समझे मैं बौराना।
दीवाना मैं तो मोहन का।।
वो राधा रानी वाले हैं,
और रंग के काले-काले हैं
आंखों की चितवन है ऐसे,
जैसे छलके पैमाना।।
दीवाना............
वो मोर मुकुटिया वाले हैं,
और केस उनके कुंडलाले हैं।।
चेहरे की छटा देखी जबसे,
मैं हो गया मस्ताना।।
दीवाना ........
वो गीता गाने वाले है ,
ऊगली पर चक्र सम्हाले हैं।।
मुरली की ताने सुन सुन कर,
हूँ खुद से अंजाना।।
दीवाना.....
वो रास रचाने वाले हैं,
ओऱ नख पर गिरिराज सम्हाले हैं।
राजेन्द्र कहे है राधावर,
कुछ दे दो नज़राना।।
दीवाना.....
गायक/ गीतकार-राजेन्द्र प्रसाद सोनी