मैं जाण्यो नाहीं हरि से मिलण कैसे होय

मैं जाण्यो नाहीं हरि से मिलण कैसे होय,
मैं जाण्यो नाहीं प्रभु से मिलण कैसे होय

आये मेरे सजना फिर गए अंगना
मैं अभाघन रेह गई सोइए
मैं जाण्यो नाहीं हरि से मिलण कैसे होय

फाडू गी चीर करूँ गल कंठा,
मैं रहूगी वैरागन हौए
मैं जाण्यो नाहीं हरि से मिलण कैसे होय

निश्ववाशर मोहे विरहे सतावे
पल न परत पल मोहे
मैं जाण्यो नाहीं हरि से मिलण कैसे होय

मीरा के प्रभु हरी अविनाशी
तुम मिलिया सुख होए
मैं जाण्यो नाहीं हरि से मिलण कैसे होय
श्रेणी
download bhajan lyrics (692 downloads)