ये भोले मेरे ये बाबा मेरे,
तुझमे निराली बात।
देता है नित नयी नयी,
भक्तों को तू सौगात।।
ये भोले मेरे ये बाबा मेरे......
भक्तों के हित के कारण ,
बिष कंठ में धरा।।
बिष पान करके तुमने,
जग को किया सनाथ।।
ये भोले मेरे.........
अपने भगत के कारण,
गंगा को सिर धरा।।
फिर शीश से बहादी,
धरती पे गंगा मात।।
ये भोले मेरे........
भक्ति मिली तेरी जिसे,
तक़दीर बन गयी।।
काली अंधेरी रात को,
तूने किया प्रभात।।
ये भोले मेरे.........
तू है बड़ा दयालु
कृपा बहा रहा।
राजेन्द्र के भी सिर पे
रखदे दया का हाथ।।
ये भोले मेरे.........