भांग घोट मैं तो मंदिर में गई थी,
भगति जननु में यु मन रस गया,
भोला भंडारी मेरे मन वस् गया,
शिव लिंग पूजन घर पे चाली,
रोग दोष मेरा सब कट गया,
भोला भंडारी मेरे मन वस् गया,
मस्त मलंगा मेरा भोला सन्यासी,
ज्ञान का दीपक मने चस गया,
भोला भंडारी मेरे मन वस् गया,
शिव रात्रि की करू मैं पूजा,
भगति लग्न में मने डट गया,
भोला भंडारी मेरे मन वस् गया,
ज्योती नागर रंग में गावे,
संजय सिहमार भी माला रट गया,
भोला भंडारी मेरे मन वस् गया,