नन्द घर आनंद भयो, जय कन्हैयाँ लाल की,
घनघोर अँधेरी रात, लियो जनम श्याम ने मथुरा में,
भादो की आधी रात, लियो जनम श्याम ने मथुरा में ॥
हरी स्वंय ललन बन कर आए,
वसुदेव देवकी हर्षाए,
पाई अद्भुद सौग़ात,
हाँ सौगात,
लियो जनम श्याम ने मथुरा में,
भादो की आधी रात, लियो जनम श्याम ने मथुरा में.......
खुद टूट गए बंधन सारे,
सो गए सारे पहरे वारे,
चले गोकुल सुत के साथ,
हाँ साथ,
लियो जनम श्याम ने मथुरा में,
भादो की आधी रात, लियो जनम श्याम ने मथुरा में.....
जमुना तर नन्द भवन आएँ,
यशोदा की गोद में पौढ़ाए,
संग ले गए माया मात,
हां मात,
लियो जनम श्याम ने मथुरा में,
भादो की आधी रात, लियो जनम श्याम ने मथुरा में.....
आनंद नन्द घर छायो है,
आनंद नन्द घर छायो है,
घर घर में बजत बधायो है,
सुख प्रेम मन हृदय समात,
हां समात,
भादो की आधी रात, लियो जनम श्याम ने मथुरा में,
नन्द घर आनंद भयो, जय कन्हैयाँ लाल की,
घनघोर अँधेरी रात, लियो जनम श्याम ने मथुरा में,
भादो की आधी रात, लियो जनम श्याम ने मथुरा में..............