जय जय माँ जय माँ वैष्णो माँ,
मेरी कटड़े वाली वैष्णो माँ,
तेरे दर्शन नूं मैं आवाँगा,
दर्शन दी प्यासी अखियाँ नूं,
दर्शन दी प्यासी अखियाँ नूं,
दाती दा दर्श करावांगा,
मेरी कटड़े वाली वैष्णो माँ,
तेरे दर्शन नूं मैं आवाँगा।।
दर्शन दी पर्ची लेके,
माँ दे नाम दी मोहर लावावांगा,
खुद नूं बाण गंगा दे विच स्नान करावांगा,
श्रद्धा के नाल हार फुलां दे,
श्रद्धा के नाल हार फुलां दे,
नारियल भेंट चढ़ावांगा,
मेरी कटड़े वाली वैष्णो माँ,
तेरे दर्शन नूं मैं आवाँगा.......
चरण पादुका मंदिर सोहणा,
वखरा नूर लगे मन मोहना,
हाथी मत्थे दी ऊँची चढ़ाई,
अर्धकवारी दर्शन पाउना,
कुझ पल साँझी छत रुक के,
सच्चे मन तो माँ नू ध्यावांगा,
सच्चे मन तो उत्ते आवाँगा,
कुझ पल साँझी छत रुक के,
सच्चे मन तो माँ नू ध्यावांगा
मेरी कटड़े वाली वैष्णो माँ,
तेरे दर्शन नूं मैं आवाँगा.......
जग दाती मेरी वैष्णो माँ दी,
भवन दी शान निराली है,
पिंडी रूप विच लक्ष्मी सरस्वती,
नाल बसे महाकाली है,
बसे माँ महाकाली है,
भैरव मंदिर दे दर्शन करके,
यात्रा सफल बनावांगा,
मेरी कटड़े वाली वैष्णो माँ,
तेरे दर्शन नूं मैं आवाँगा.......