संतोषी सुखदायी भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का।।
दो दिन का....दो दिन का,
दो दिन का भाई दो दिन का,
संतोषी सुखदायी भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का।।
ये तन है जंगल की लकड़ी,
आग लगे तो ये जल जाए,
दौड़ दौड़ धन जितना कमाया,
वो सब यही रखा रह जाए,
फिर कैसी ये कमाई,
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का,
संतोषी सुखदायी भजन करो भाई.......
ये तन कागज की पुड़िया,
हवा चले तो ये उड़ जाये,
लेख लिखे जो तूने इसमें,
वो सब तेरे आगे आये,
फिर काहे की बढ़ाई,
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का,
संतोषी सुखदायी भजन करो भाई.......
ये तन है माटी का पुतला,
बूँद पड़े तो ये गल जाए,
अभिमान जिस सुंदरता पे,
वो सुंदरता भी डल जाये,
फिर क्यों प्रीत लगाई,
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का,
संतोषी सुखदायी भजन करो भाई.......
ये तन है फूलों की बगियाँ,
धुप पड़े तो ये मुरझाये,
चमकदार कपडे हो पहने,
मन पर कभी चमक ना आये,
झूठी शान दिखाई तू मत कर भाई,
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का,
संतोषी सुखदायी भजन करो भाई.......
ये तन है इक कच्ची हवेली,
पल में ये तो डूब ही जाए,
ऊँचे ऊँचे बंगले बनाये,
पर मन ऊँचा हो नही पाए,
छोड़ो बड़ी बढ़ाई,
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का,
संतोषी सुखदायी भजन करो भाई.......
ये तन है सपनो की माया,
आँख खुले तो कुछ नहीं पाए,
जितनी चादर बड़ी ना हो तो,
पैर क्यों उतने तू फैलाये,
संतोषी बनो भाई,
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का,
संतोषी सुखदायी भजन करो भाई.......
इस जीवन का सत्य यही है,
जो संतोषी वही सही है,
लालच से जो डोर है बांधे,
इस दुनिया में वही दुखी है,
जीवन की सच्चाई, तू सुनले भाई,
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का,
संतोषी सुखदायी भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का।।
दो दिन का....दो दिन का,
दो दिन का भाई दो दिन का,
संतोषी सुखदायी भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का।।