ध्यानु को तार दिया, बनिये को पार किया,
लाखों करोड़ों का माँ, तूने उद्दार किया ll
*हो मेरी वारी क्यों, देरी लगाई,
माँ, क्या मैं तेरा, कुछ भी नहीं xll,,,,
ध्यानु को तार दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जन्मो जन्मो, से मैं तेरी, "बैठा आस लगा के माँ xll'
तेरी, राहों में अपने, 'नैनों के दीप जला के माँ xll'
तूने, काज सँवारे सबके, दुःख, निवारे सबके,
भँवरों में, अटके बेड़े*, पार, उतारे सबके l
*क्यों है याद मेरी, दिल से भुलाई,
माँ, क्या मैं तेरा, कुछ भी नहीं xll,,,,
ध्यानु को तार दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सुना है तेरे, दर पे जो भी, 'ख़ाली झोली लाता है xll'
भर देती, भण्डारे उसके, 'मन चाहा फ़ल पाता है xll'
भक्तों की, तूँ रखवाली, जगदम्बे, शेरोंवाली,
अपने, बच्चों के सोए*, भाग्य, जगाने वाली l
*हो क्यों ना मेरी भी, बिगड़ी बनाई,
माँ, क्या मैं तेरा, कुछ भी नहीं xll,,,,
ध्यानु को तार दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
कहती है, सारी दुनियाँ तूँ, 'तीन लोक से न्यारी है xll'
भवसागर से, पार करे माँ, 'जग की पालनहारी है xll'
तूँ जानी, जान भवानी, मैं हूँ, अनजान भवानी,
चँचल पे, किरपा करदे*, किरपा, निधान भवानी l
*हो मेरी क्यों ना, हुई सुनवाई,
माँ, क्या मैं तेरा, कुछ भी नहीं xll,,,,
ध्यानु को तार दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल