मन में अगर जरा सा भी अभिमान लाओ गे,
चरणों में मैया के इस्थान पाओ गे,
जो कुछ भी तेरे पास है मैया ने दिया,
दातार ने बता कभी अभिमान है किया ,
दुनिया से खाली हाथ नादान जाओ गे,
मन में अगर जरा सा भी अभिमान लाओ गे,
अंजाम एहंकार का हर दम बुरा हुआ,
कोच्ची पुराण देख ले सबमे लिखा हुआ,
आकड़ो गे किसी से कया समान पाओ गये,
मन में अगर जरा सा भी अभिमान लाओ गे,
अभिमानियों के पास न लक्ष्मी कभी रुके,
प्यारा है लाल माँ को जो चरणों में आ झुके,
चरणों में बैठ करके ही वरदान पाउ गये,
मन में अगर जरा सा भी अभिमान लाओ गे,