पहाड़ावाली जल भरने है आई,
पहाड़ावाली जल भरने है आई,
सोने दी गागर हीरेया वाली,
माँ अपनी बगल उठाई,
माँ ज्योतावाली जल भरने है आई॥
सूहे सूहे माँ वस्त्र पहने,
चंगे चंगे सब पा ले गहने,
ओ लाल है चोला लाल है चुनरिया,
मेहंदी है लाल लगाई,
पहाड़ावाली जल भरने है आई,
माँ देवारानी जल भरने है आई.....
अमृत वेला सुबह सवेरे,
सखिया ने है पाया घेरा,
देव मुनि देखदे रह गए,
माँ कैसी खेड रचाई,
पहाड़ावाली जल भरने है आई,
माँ मेहरावली जल भरने है आई...
सखिया संग माँ देवारानी,
तुर पई है अम्बे कल्यानी,
पहुँच गयी गंगा ते माता,
गंगा सोच दौड़ाई,
पहाड़ावाली जल भरने है आई,
माँ देवारानी जल भरने है आई.....
मालक कुल संसार दी माता,
ए है दाता ए है विधाता,
कुल दुनिया नु साजन वाली,
क्यों तकलीफ उठाई,
पहाड़ावाली जल भरने है आई,
माँ देवारानी जल भरने है आई.....
गंगा माता दे हथ वधाये,
फड़ लई गागर वचन सुनाये,
देवा माँ मैं अज तो तैनू,
अपनी भेंट चढ़ाई,
पहाड़ावाली जल भरने है आई,
माँ देवारानी जल भरने है आई.....
नचदी नचदी गाउँदी गाउँदी,
पर्वत पर्वत भाउंदी भाउंदी,
गंगा माँ दा सिमरन करदी,
गुफा विच आन समाई,
पहाड़ावाली जल भरने है आई,
माँ देवारानी जल भरने है आई.....
जय गंगे जय हर गंगे,
तू चंगी तेरे कर्म ने चंगे,
जय गंगे जय हर गंगे,
तू चंगी तेरे कर्म ने चंगे,
चल तू माँ दी चरणी लग के,
उत्तम पद्वी पाई,
पहाड़ावाली जल भरने है आई,
माँ देवारानी जल भरने है आई,
सोने दी गागर हीरेया वाली,
माँ अपनी बगल उठाई,
माँ पहाड़ावाली जल भरने है आई,
माँ देवारानी जल भरने है आई....