शेरावाली माँ को आज उढाऊ,
चुनरिया जयपुर वाली,
चुनरिया जयपुर वाली,
मैं तो वारि बलिहारी जाऊ,
ओ मैया शेरावाली,
चुनरिया जयपुर वाली…………
गंगाजल में धोकर लाई,
प्रेम भक्ति के रंग रगाई,
मैं तो रज रज दर्शन पाऊ,
ओ मैया शेरावाली,
चुनरिया जयपुर वाली…………
चुनरी के बीच माँ का मुखड़ा,
चमक रहा जैसे चाँद का टुकड़ा,
मैं तो मन ही मन हरषाऊ,
ओ मैया शेरावाली,
चुनरिया जयपुर वाली………..
है जग में प्रताप तुम्हारा,
संगीता को दे दो सहारा,
भगतों को दे दो सहारा,
मैं तो चंचल मन मुस्काऊ,
ओ मैया शेरावाली,
चुनरिया जयपुर वाली……….