तेरी दया से चलके, मैं द्वार तेरे आया
कृपा हुई तुम्हारी, मुझे तुमने जो बुलाया
तेरी दया से चलके, मैं द्वार तेरे आया ॥
दुनिया की चाकरी में बीता है सारा जीवन,
इस भाग दौड़ में ही उलझा सदा मेरा मन,
बीते जवानी बचपन… मैंने होश गवाया,
तेरी दया से चलके, मैं द्वार तेरे आया ॥
सदा ठोकरे ही खाई कभी मैं सम्भल ना पाया,
मोह जाल में जो जकड़ा उससे निकल ना पाया,
परिवार पालने में… मैंने समय बिताया,
तेरी दया से चलके, मैं द्वार तेरे आया ॥
जागा जो नींद से मैं मां तेरी याद आई,
तेरे ही नाम से ही मैंने लगन लगाई,
अपना रहा ना कोई… जग हो गया पराया,
तेरी दया से चलके, मैं द्वार तेरे आया ॥
हरीश की जिंदगी है मैया तेरे हवाले,
मर्जी है तेरी अम्बे इसे छोड़ या संभाले,
भूलन ने मस्त होके… गुणगान तेरा गाया,
तेरी दया से चलके, मैं द्वार तेरे आया
कृपा हुई तुम्हारी, मुझे तुमने जो बुलाया
तेरी दया से चलके, मैं द्वार तेरे आया ॥