अब के सावन महीने में हो माता रानी झूला झूलन आजा माँ
बोर बाई पुरवैया में हो माता रानी झूला झूलन आजा माँ,
रेशम की दोरी माँ चन्दन का पलना,
चंदा चकोरी आई मोरे अंगना,
खुशिया आई अंगना में हो माता रानी झूला झूलन आजा माँ,
अब के सावन महीने में हो माता रानी झूला झूलन आजा माँ
ममता सी बोरी माँ झूले झुलनिया रुत मत वाली माँ आई माई रतियाँ.
चली पवन अंगना में हो माता रानी झूला झूलन आजा माँ,
अब के सावन महीने में हो माता रानी झूला झूलन आजा माँ
रिमझिम बुँदे माँ गूंजे बदरियाँ देव लोक सब गूंज गए मैया,
मन आई अंगना में माता रानी झूला झूलन आजा माँ,
अब के सावन महीने में हो माता रानी झूला झूलन आजा माँ