आपने तो सब सुख दिए हैं मैया,
ना आपसे कोई गिला है,
दुख जो भी मुझको मिले हैं,
सब कर्मों का मेरे सिला है,
संसार में जो हूँ आया ,
माँ सब आपकी है माया....
मैंने जो कुछ भी है पाया,
सब आपसे ही तो पाया,
मुझ से बेटे पर भी आपने,
मैया सारी खुशियाँ लुटा दी,
बदकिस्मती से जो बदा था,
वो बद की हद मिटा दी,
चुनकर मैया आपने काँटे,
मेरी राह फूलों से भर दी,
मैया लुटा कर आपने ममता,
कृपा राजीव पर कर दी,
आपकी दया से ही तो,
मेरी जीवन अब तक चला है,
दुख जो भी मुझको मिले हैं,
सब कर्मों का मेरे सिला है,
आपने तो सब सुख दिए हैं मैया,
ना आपसे कोई गिला है.....
©राजीव त्यागी