शीश झुका लो अपना अपना होवेगा कल्याण,
माँ अम्बे का नाम तू जप ले,
तेरे बिगड़े बनेंगे काम।
हाल-ए-दिल जाके मैया को सुनाना,
हाल-ए-दिल जाके मैया को सुनाना,
लाल लाल गोटेवाली चुनरी चढ़ाना,
भवन में जाके सच्ची ज्योत जलाना,
हाल-ए-दिल जाके मैया को सुनाना,
हाल-ए-दिल जाके अम्बे को सुनाना हाय,
लाल लाल गोटेवाली चुनरी चढ़ाना,
भवन में जाके सच्ची ज्योत जलाना।
सिंह पे सवार होके बैठी महा माई,
ज्योत ज्वाला की हर पल शक्ति यहाँ छायी,
ओ सिंह पे सवार होके बैठी महा माई,
ज्योत ज्वाला की हर पल शक्ति यहाँ छायी,
गूँज रहे जयकारे एक से एक नज़ारे,
माँ का नाम पुकारे रोग कट रहे सारे,
जाके चरणो में शीश झुकाना,
जाके चरणो में शीश झुकाना हाय,
लाल लाल गोटेवाली चुनरी चढ़ाना,
भवन में जाके सच्ची ज्योत जलाना।
आये जो दर पे तक़दीर खुल जाती है,
भटके हुओ को मंज़िल मिल जाती है,
हा आये जो दर पे तक़दीर खुल जाती है,
भटके हुओ को मंज़िल मिल जाती है,
नाम ही पतवार है साचा ये दरबार है,
नाम ही पतवार है साचा ये दरबार है,
रूप इनका ही मन में है रखना,
रूप इनका ही मन में है रखना हाय,
लाल लाल गोटेवाली चुनरी चढ़ाना,
भवन में जाके सच्ची ज्योत जलाना।
मन में बसाना माँ की छवि अति प्यारी,
मन में बसाना माँ की छवि अति प्यारी,
पर्वत पे जा बैठी है अष्ट बुली न्यारी,
देती है वरदान ये करती है कल्याण ये,
देती है वरदान ये करती है कल्याण ये,
जाके चरणो में ध्यान लगाना,
जाके चरणो में ध्यान लगाना हाय,
लाल लाल गोटेवाली चुनरी चढ़ाना,
भवन में जाके सच्ची ज्योत जलाना।